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Class 9 Hindi Medium Science Chapter- 1 हमारे आस-पास के पदार्थ Complete Chapter Notes

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पाठ 1. हमारे आस-पास के पदार्थ

Class 9 Hindi Medium Science Chapter- 1 हमारे आस-पास के पदार्थ Complete Chapter Notes:

  • संसार क सभी वस्तुएं जिस सामग्री से बनी हैं, वैज्ञानिक उसे पदार्थ कहते है |
  • वे सभी वस्तुएं जिनमे द्रव्यमान होता हैऔर जो स्थान (आयतन) घेरती है, पदार्थ कहलाता है |
  • प्राचीन भारत के दार्शनिकों ने पदार्थ को पंचतत्व – वायु, अग्नि, पृथ्वी, जल और आकाश से बना बताया है और पदार्थ को इन्ही पंचतत्व मे वर्गीकृत किया है ।
  • सभी पदार्थ छोटे छोटे कणों से मिलकर बने होते हैं ।
  • पदार्थ जिन कणों से मिलकर बना होता है वो कण अत्यंत सूक्ष्म होते हैं ।
  • पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है ।
  • पदार्थ के कण निरंतर गतिशील रहते हैं ।
  • पदार्थ के कण एक दूसरे को अपनी तरफ आकर्षित करते रहते हैं ।
  • निरतंतर गतिशील रहने के करण पदार्थ के कणों मे गतिज ऊर्जा होती हैं, तापमान बढ़ने से इन कणों की गति और बढ़ जाती है और वो तेज गति से गतिशील हो जाते हैं ।
  • पदार्थ के कण स्वतः एक दूसरे के साथ अंतः मिश्रित हो जाते हैं । ऐसा कणों के बीच रिक्त स्थानों मे समावेश के करण होता है ।
  • दो अलग अलग पदार्थों के कणों का स्वतः मिलन विसरण कहलाता है ।
  • पदार्थ के कणों के बीच एक बल कार्य करता है , यह बल पदार्थ के कणों को एक साथ जोड़े रखता है । इस बल को अन्तरणविक बल कहते हैं ।
  • अलग अलग पदार्थों मे यह बल अलग अलग होता है इन्ही बलों के अलग अलग होने की वजह से पदार्थ की अलग अलग अवस्थाएं बनती हैं ।
  • पदार्थ की कुल 5 अवस्थाएं होती हैं – ठोस, द्रव, गैस, प्लाज्मा, बोस -आइंस्टीन
  • पदार्थ की ये अवस्थाएं उनके कणों की विभिन्न विशेषताओं के करण होती हैं जिन कणों से ये पदार्थ बने होते हैं ।
  • ठोस पदार्थ बल लगाने पर टूट सकते हैं लेकिन उनका आकार नही बदलता ।
  • द्रव का कोए अपना आकार नही होता है, इसको जिस बर्तन मे रखते हैं उसी का आकर ले लेता है परंतु द्रव का आयतन निश्चित होता है ।
  • द्रव मे – ठोस, द्रव, और गैस तीनों का विसरण संभव है।
  • ठोस की अपेक्षा द्रव मे विसरण की दर अधिक होती है । ठोस की अपेक्षा द्रव मे कणों के बीच रिक्त स्थान अधिक होता है।
  • ठोस और द्रव की तुलना मे गैस की संपीड्यता अधिक होती है ।
  • तापमान एवं दाब मे परिवर्तन कर के पदार्थ की अवस्था मे बदलाव किया जा सकता है ।
  • जिस तापमान पर कोए ठोस पदार्थ पिघल कर द्रव बन जाता है उस तापमान को उस पदार्थ का गलनांक या गलनांक बिन्दु कहते है ।
  • गलने की प्रक्रिया को अर्थात किसी ठोस पदार्थ के द्रव मे परिवर्तन को ही संगलन भी कहते हैं ।
  • गलने की प्रक्रिया के दौरान गलनांक पर पहुँचने के बाद जब तक कोए पदार्थ पूरी तरह से पिघल कर द्रव नही बन जाता तब तक उसका तापमान नही बदलता है चाहे उसमे और ऊष्मा दे दी जाए । पदार्थ के कणों के आकर्षण बल को बदलने के लिए ताकि पदार्थ की अवस्थ मे परिवर्तन हो सके तापमान मे बिना वृद्धि दर्शाये पदार्थ उस अतिरिक्त ऊष्मा को अवशोषित कर लेता है । यह ऊष्मा पदार्थ मे छुपी रहती है इसे ही गुप्त ऊष्मा कहते हैं ।
  • वायुमंडलीय दाब पर वह तापमान जिसपर कोए द्रव उबलने लगता है उस तापमान को उस पदार्थ का क्वथनांक कहते है । जल का क्वथनांक 100 डिग्री सेल्सियस या 373 केल्विन है ।
  • किस ठोस पदार्थ के द्रव अवस्था मे परिवर्तन हुए बिना ही सीधे गैस और फिर वापस ठोस मे बदलने की प्रक्रिया को ऊर्ध्वतापन (sublimation) कहते हैं ।
  • पदार्थ के कणों के बीच दूरी मे परिवर्तन के करण पदार्थ की विभिन्न अवस्थाएं बनती हैं ।
  • ठोस कार्बन डाइआक्साइड, द्रव अवस्थ मे परिवर्तित हुए बिना सीधे गैस मे बदल जाता है । यही करण है की कार्बन डाइआक्साइड को शुष्क बर्फ (dry ice) कहते हैं ।
  • दाब बढ़ने और तापमान घटने से गैस द्रव मे बदल सकते हैं ।
  • क्वथनांक से कम तापमान पर द्रव के वाष्प मे परिवर्तित होने की प्रक्रिया को वाष्पीकरण ( Evaporisation ) कहते हैं ।
  • वाष्पीकरण से उस स्थान जहां पर वाष्पीकरण हो रहा है के आस पास शीतलता आती है ।

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